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तब फैसला अपने आप करें -07-Jan-2023

कविता -तब फैसला अपने आप करें


नाव फसे जलधार कभी जब

थम जाएं  पतवार कभी जब


              ना छोड़ धैर्य संताप करें,

              तब फैसला अपने आप करें। 



धारा  उल्टा  बह  आये जब

ना तनिक वहां धबड़ाए तब


              न गुमशुम होके विलाप करें,

              तब फैसला अपने आप करें। 



जल बीच भॅंवर उठ आए जब

ना   चक्कर  से  घबड़ाएं  तब

         

              ना जोर- शोर आलाप करें,

              तब फैसला अपने आप करें। 



हर मुश्किल का हल होता है

सोंचो  जल  ही  पग धोता है 


              मन को अपने न निराश करें,

              तब फैसला अपने आप करें। 


उठ लहर तेज घहराए जब

ना खुद डर से घबड़ाएं तब

   

              भर  जोर  शोर  से टाप धरे,

              तब फैसला अपने आप करें। 


रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर यू पी 









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6 Comments

Sushi saxena

08-Jan-2023 06:57 PM

शानदार

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Muskan khan

08-Jan-2023 05:21 PM

Well done

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Renu

08-Jan-2023 04:59 PM

👍👍🌺

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